Dommaraju Gukesh महज 7 साल की उम्र में ही शुरू किया चैस खेलना, 11 साल की उम्र में वर्ल्ड चैंपियन बनने का सपना देखा कुछ ऐसा है गुकेश की कहानी।
Dommaraju Gukesh Story
Dommaraju Gukesh: सबसे कम उम्र में वर्ल्ड चैंपियन बनने वाले चेस प्लेयर है। डोम्माराजू गुकेश शतरंज के नए वर्ल्ड चैंपियन बन गए हैं.18 साल के डी गुकेश अब किसी परिचय के मोहताज नहीं रहे. उन्होंने इतनी कम उम्र में वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप का खिताब जीतकर इतिहास में अपना नाम दर्ज करा लिया है. भारतीय खिलाड़ी डी गुकेश ने गुरुवार को डिफेंडिंग चैंपियन डिंग लिरेनको मत देखकर वर्ल्ड चैंपियन बन गए हैं। 12 दिसंबर सिंगापुर में हुए विश्व शतरंज चैंपियन 2024 को फाइनल में चीनी खिलाड़ी को मात देते हुए ख़िताब अपने नाम किया है. चेस में विश्वनाथ आनंद के बाद भारत को एक और विश्व चैंपियन मिल गया है।
Dommaraju Gukesh सबसे युवा (17साल) कैंडिडेट्स चैम्पियन भी बने थे. वे 2018 में 12 साल के उमर में जूनियर विश्व चैंपियन बन गये।
Dommaraju Gukesh – life
Dommaraju Gukesh का जन्म 7 मई 2006 को चेन्नई में हुआ था. गुकेश के पिता डॉक्टर है. और इनकी माँ पेशे से माइक्रोबायोलॉजिस्ट है। डी गुकेश कॉलेज के दिनों में क्रिकेट खेलते थे। पर परिवार के दबाव में आकार इन्होनें डॉक्टर की पढाई करना शुरू कर दी पे गुकेश को सतरंज खेलना पसंद था. बेटे कि रुचि को देखते हुए रजनीकांत ने उन्हें खूब प्रेरित किया. खेल और पढाई के बीचसामंजस्य बनने में दिक्कत न हो इसलिए पढाई करने को नियमित छुट देदी। विश्वनाथ आनंद ने गुकेश को खेल की जानकारी देने के साथ कोचिंग भी दी है।
गुकेश को यहां तक पहुंचने के लिए उनके माता-पिता को भी बहुत त्याग करना पड़ा. जब गुकेश ने सतरंज में बेहतर करना शुरू किया तो उनके पिता को डॉक्टर की नौकरी छोड़नी पड़ी. क्यूंकी विदेश में टूर्नामेंट होने के करण वह मारिजो को समय नहीं दे पाते थे। इस वजह से उन्होंने अपना क्लिनिक बंद कर दिया। गुकेश के टूर्नामेंट और परिवार के खर्चे का बोझ उनकी माँ पर आ गया। उस समय गुकेश को प्रयोजक नहीं मिल रहा थे जबकी बिदेश मे टूर्नामेंट में शामिल होने के लिए लोन भी लेना पड़ा ।
गुकेश के पिता 2021 मे यूरोप लेके गए तब उन्हें वापस आने में 4 महीने लग गए. गुकेश हमें समय 13 से 14 टूर्नामेंट खेले उन्हें 3 बार फ्लाइट भी छोड़नी पड़ी गुकेश को चेस के अलावा मैच भी खेलना पसंद है।
गुकेश 1 शाल मे लगभग 250 टूर्नामेंट मैच खेलते है.
2020 में कोरोना काल अर्थिक रूप से उनके परिवार के लिए अच्छा साबित हुआ। सतरंज के टूर्नामेंट ऑनलाइन हो रहे थे. इससे ट्रेवल का खर्चा बचा। गुकेश के पिता को दुबारा हॉस्पिटल में काम करने का मौका मिल गया। और उनकी आर्थिक स्थिति ठीक होने लगी।
सिंगापुर में गुरुवार को 18 साल के भारतीय ग्रेडमास्टर डी गुकेश ने विश्व चैंपियन का ख़िताब जीत लिया. वह चिन के डिफेंडिंग चैंपियन डिंग लिरेन को 7.5 – 6.5 से फाइनल हराया। वह दुनिया के सबसे युवा खिलाड़ी बने.
गुकेश ने चिन खिलाड़ी को 14वे गेम में हराकर यह टाईटल जीता. 25 नवंबर को चैम्पियनशिप का फाइनल शुरू हुआ था 11 दिसंबर दोनों के बीच 13 गेम खेले गए। स्कोर यहा 6.5 – 6.5 से बराबर था। गुकेश ने 14वा गेम जीता और एक प्वाइंट ज्यादा लेकर स्कोर 7.5 – 6.5 कर दिया।वर्ल्ड चेस चैम्पियन 2024 का फाइनल मुकाबला गुरुवार (12 दिसंबर) को सिंगापुर में खेला गया. इस मुकाबले में भारत के डी गुकेश की टक्कर डिफेंडिंग चैम्पियन चीनी चेस मास्टर डिंग लिरेन से थी.
काले मोहरों से खेलते हुए डी गुकेश ने 14वीं बाजी में डिंग लिरेन को करारी शिकस्त दी और खिताब पर कब्जा जमाया. गुकेश को जब लगा उनकी जीत बेहद करीब है और वह नए चैम्पियन बनने वाले हैं,… इस दौरान वह भावुक हो गए. ओर रोने लगे ।
सबसे युवा वर्ल्ड शतरंज चैंपियन
डी गुकेश – 18 वर्ष 8 महीने 14 दिन – 12 दिसंबर, 2024
गैरी कास्परोव – 22 वर्ष 6 महीने 27 दिन – 9 नवंबर, 1985
मैग्नस कार्लसन – 22 वर्ष 11 महीने 24 दिन – 23 नवंबर, 2013
मिखाइल ताल – 23 वर्ष 5 महीने 28 दिन – 7 मई, 1960
अनातोली कार्पोव – 23 वर्ष 10 महीने 11 दिन – 3 अप्रैल, 1975
व्लादिमीर क्रैमनिक – 25 वर्ष 4 महीने 10 दिन – 4 नवंबर, 2000
इमानुएल लास्कर – 25 वर्ष 5 महीने 2 दिन – 26 मई, 1894