India Laser Weapon Test 2025: भारत ने उड़ाए दुश्मन ड्रोन: स्वदेशी लेज़र हथियार का सफल परीक्षण, भारत ने आंध्र प्रदेश में स्वदेशी लेज़र हथियार का सफल परीक्षण कर अमेरिका, रूस और चीन जैसी महाशक्तियों की कतार में जगह बना ली है। यह हथियार पलक झपकते ही दुश्मन के ड्रोन को राख कर देता है।
भारत ने रक्षा क्षेत्र में एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है। DRDO ने अपने स्वदेशी लेज़र हथियार का सफल परीक्षण किया है, जिसने चंद सेकेंडों में दुश्मन ड्रोन को आसमान में ही राख कर दिया। यह लेज़र सिस्टम पूरी तरह भारत में बनाया गया है और इसके साथ ही भारत दुनिया का चौथा देश बन गया है जिसके पास यह अत्याधुनिक एंटी-ड्रोन तकनीक है। इस वीडियो में जानिए इस लेज़र हथियार की पूरी ताकत, इसकी खासियतें और यह क्यों पाकिस्तान जैसे दुश्मनों के लिए खतरे की घंटी बन चुका है।
India Laser Weapon Test 2025: दुश्मन ड्रोन अब नहीं बच पाएंगे
भारत ने 13 अप्रैल को इतिहास रचते हुए लेज़र आधारित हथियार प्रणाली (Directed Energy Weapon – DEW) का सफल परीक्षण किया है। इस अत्याधुनिक हथियार को DRDO द्वारा विकसित किया गया है और यह पूरी तरह से ‘मेड इन इंडिया’ तकनीक पर आधारित है। इसके साथ ही भारत अमेरिका, रूस और चीन के बाद ऐसा करने वाला चौथा देश बन गया है।

India Laser Weapon Test 2025: कहां और कैसे हुआ परीक्षण?
- तिथि: 13 अप्रैल
- स्थान: आंध्र प्रदेश
- संगठन: DRDO (Defence Research and Development Organisation)
- हथियार: 30 किलोवॉट लेज़र आधारित Directed Energy Weapon
DRDO ने परीक्षण स्थल पर सबसे पहले एक ड्रोन को उड़ाया, जिसे इस लेज़र हथियार से निशाना बनाकर कुछ ही सेकंड में जला दिया गया। इसके बाद ड्रोन के झुंड (Swarm) को भी इसी हथियार से निष्क्रिय कर दिया गया। यह पूरा अभियान अत्यंत सटीकता और तेजी से किया गया — एक पल के लिए आंखें बंद करें, तो सब कुछ खत्म!

India Laser Weapon Test 2025: हथियार की विशेषताएं
विशेषता | विवरण |
---|---|
प्रकार | Directed Energy Weapon (Laser Weapon) |
क्षमता | 30 किलोवॉट लेज़र |
निर्माण | स्वदेशी, DRDO द्वारा विकसित |
लक्ष्य | एकल या झुंड में ड्रोन |
प्रणाली | कैमरा और सेंसर के ज़रिए लक्ष्य की पहचान |
कार्यशैली | तेज़ लेज़र बीम से लक्ष्य को जलाना |
India Laser Weapon Test 2025: क्यों है ये लेज़र हथियार ख़ास?
- कोई Cool-Off Period नहीं: पारंपरिक एंटी-ड्रोन सिस्टम के मुकाबले, लेज़र हथियार को बार-बार चलाने के बाद भी ठंडा करने की आवश्यकता नहीं होती।
- कम ऊर्जा खपत: यह हथियार कम ऊर्जा में ज़्यादा बार फायर कर सकता है।
- सटीक और त्वरित: हर फायर बिल्कुल सटीक और पलक झपकते होता है।
- कम लागत: पारंपरिक सिस्टम की तुलना में संचालन लागत काफी कम।
India Laser Weapon Test 2025: भारत की ‘Star Wars’ दिशा में बड़ी छलांग
DRDO अब और बड़े लेज़र हथियारों पर काम कर रहा है जिन्हें जलपोतों और लड़ाकू विमानों पर तैनात किया जाएगा। इसके अलावा High Energy Microwave और Electromagnetic Pulse जैसे अन्य उन्नत सिस्टम पर भी कार्य जारी है। आने वाले वर्षों में भारत की सेनाओं को Star Wars जैसी तकनीकी ताकत मिलने वाली है।
क्यों है ये पाकिस्तान और दुश्मनों के लिए खतरे की घंटी?
हाल ही में पाकिस्तान से भारतीय सीमाओं में ड्रोन घुसपैठ की घटनाएं बढ़ी हैं। इन ड्रोन का मुकाबला करने के लिए भारत को कई जगहों पर भारी और महंगे एंटी-ड्रोन सिस्टम लगाने पड़ते थे। लेकिन अब यह लेज़र हथियार इस समस्या का एक प्रभावी और त्वरित समाधान है।
निष्कर्ष
भारत का यह कदम न केवल रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ी छलांग है, बल्कि आधुनिक युद्ध की बदलती रणनीतियों के बीच एक क्रांतिकारी तकनीकी सफलता भी है। अब भारत के पास ऐसी प्रणाली है जो न सिर्फ आकाश में दुश्मन को देख सकती है, बल्कि उसे पल भर में खाक भी कर सकती है।
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