Neesa Unnirajan UPSC Success Story: ज़बरदस्त समर्पण, कड़ी मेहनत और अदम्य साहस की मिसाल – नीसा उन्नीराजन का नाम अब हर उस व्यक्ति के दिल में बसा है, जो अपनी असमर्थताओं के बावजूद अपने सपनों को पूरा करने की जिद रखता है।
कदक्कावूर गाँव, तिरुवनंतपुरम जिला की 40 वर्षीय नीसा ने अपनी सातवीं कोशिश में UPSC सिविल सर्विसेज परीक्षा में 1,000वीं रैंक प्राप्त की। यह सफलता उनके आत्मविश्वास और संघर्ष का प्रतीक है।

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Neesa Unnirajan UPSC Success Story
Neesa Unnirajan श्रवण दिव्यां हैं, लेकिन इसने उन्हें अपनी मंजिल पाने से कभी नहीं रोका। एक माँ, पत्नी और एक पेशेवर महिला के रूप में अपने परिवार, काम और पढ़ाई को संतुलित करते हुए, उन्होंने दुनिया को यह दिखा दिया कि कोई भी मुश्किल लक्ष्य नहीं होता अगर आपके पास दृढ़ नायकत्व और जुनून हो।
35 वर्ष की उम्र में, जब अधिकांश लोग अपने सपनों को छोड़ चुके होते हैं, नीसा ने UPSC की तैयारी शुरू की। अपने दूसरे बच्चे के जन्म के बाद, उन्होंने ठान लिया कि वह इस चुनौती का सामना करेंगी, चाहे कितनी भी कठिनाई क्यों न आए।
वह दिन की शुरुआत 90 मिनट पढ़ाई से करती थीं, और अपनी नौकरी के दौरान भी ट्रेन यात्रा में पढ़ाई करती थीं। उनका मानना है कि इन यात्राओं ने उन्हें जीवन के वास्तविक अनुभव और आत्मविश्वास दिया।
हालांकि कई लोग उन्हें हतोत्साहित करते थे, नीसा के परिवार, विशेषकर उनके माता-पिता और पति ने हमेशा उनका साथ दिया। नीसा को कभी भी किसी कोचिंग क्लास की आवश्यकता महसूस नहीं हुई।
Neesa Unnirajan कहती हैं—
“मेरे लिए तो यह यात्रा कभी न खत्म होने वाले सपने जैसी थी, लेकिन अब जब मैंने यहां तक पहुँचने की यात्रा पूरी की है, मेरा सपना IAS अफसर बनने का है, और और भी बाधाओं को तोड़ने का है।”
Neesa Unnirajan की यह यात्रा हर एक संघर्षशील आत्मा को प्रेरित करती है कि उम्र, शारीरिक स्थिति, या किसी भी परिस्थिति का कोई मायने नहीं है जब तक आप अपने सपनों को पूरा करने के लिए दृढ़ निश्चय और मेहनत से आगे बढ़ते हैं।
सभी बाधाओं को पार करते हुए आपने हम सभी को यह सिखाया कि कभी हार नहीं माननी चाहिए।